भारत - आकार और स्थिति

 भारत - आकार और स्थिति  



 भारत विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक है। पिछले 5 दशकों में भारत में सामाजिक आर्थिक रूप से बहुमुखी उन्नति की है। कृषि उद्योग तकनीकी और सर्वागीण आर्थिक विकास में अद्भुत प्रगति हुई है। भारत का इतिहास में भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है।




 स्थिति -

 भारत एक विशाल देश है यह उत्तरी गोलार्ध में स्थित है और इसका मुख्य भाग 8°4' उत्तर से 37°6'  उत्तर अक्षांश तथा 68°7' पूर्व से 97°25' पूर्व देशांतर तक है । कर्क रेखा 23°30' उत्तर मैं  देश को लगभग 2 बराबर भागों में बांटती है मुख्य भूभाग के दक्षिण पूर्व में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में तथा दक्षिण-पश्चिम में लक्षद्वीप समूह अरब सागर में स्थित है अपनी एटलस की सहायता से इन द्वीप समूह का विस्तार देखें।




 आकार -

  भारत के भूभाग का कुल क्षेत्रफल लगभग 32.8 वर्ग किलोमीटर है। भारत का क्षेत्रफल विश्व के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है भारत विश्व का सातवां बड़ा देश है भारत की स्थल सीमा रेखा लगभग 15200 किलोमीटर और समुद्री तट रेखा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप समूह के साथ 7516.6 किलोमीटर है।

     भारत के उत्तर पश्चिम उत्तर तथा उत्तर पूर्वी सीमा पर नवीनतम वलित पर्वत है । इसके दक्षिण का भूभाग उत्तर मैं चौड़ा है और 22° उत्तरी अक्षांश  हिंद महासागर की ओर सकरा होता गया है । इसके पश्चिम में अरब सागर तथा  पूर्व में बंगाल की खाड़ी स्थित है ।

     अक्षांश और देशांतर का विस्तार लगभग 30° है परंतु फिर भी पूर्व पश्चिम का विस्तार उत्तर दक्षिण के विस्तार की अपेक्षा कम प्रतीत होता है ।

    गुजरात   से अरुणाचल प्रदेश के स्थानीय समय में 2 घंटे का अंतर है अतः 82° 30'  पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर माना गया है जो कि उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से गुजरती है । अक्षांश का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर दिन और रात की अवधि पर पड़ता है।


 भारत तथा विश्य -

  भारतीय भूखंड एशिया माधवी के पूर्व और पश्चिम के मध्य में स्थित है। भारतीय भूभाग एशिया महाद्वीप का दक्षिणी विस्तार है । हिंद महासागर जो कि पश्चिम में यूरोपीय देशों और पूर्वी एशियाई देशों को मिलाता है भारत को केंद्रीय स्थिति प्रदान करता है । देखिए दक्षिण का पठार हिंद महासागर में शीर्ष वक्त फैला हुआ है और पश्चिम एशिया अफ्रीका और यूरोप के देशों के साथ-साथ पूर्वी एशिया के देशों से भी पूर्वी तट के माध्यम से निकटतम संबंध बनाए हुए हैं। 

 हिंद महासागर में किसी भी देश की सीमा भारत जैसी नहीं है। भारत की महत्वपूर्ण स्थिति के कारण एक महासागर का नाम इसके नाम पर रखा गया है ।

☆  सन 1869 में स्वेज नहर के खुलने से भारत और यूरोप के बीच दूरी 7000 किलोमीटर कम हो गई है।

    भारत का विश्व के देशों के साथ संपर्क योगों पुराना है परंतु यह संबंध समुद्री जल मार्गों की अपेक्षा भूभागों से होकर था । उत्तरी  पर्वतों के दलों से अनेक यात्री प्राचीन काल में भारत आए जबकि समुद्री मार्ग बहुत समय तक ज्ञात नहीं थे ।

       इन मार्गों से प्राचीन समय से विचारों और वस्तुओं का आदान प्रदान होता रहा है ।भारत का पश्चिम मध्य और पूर्वी एशिया और दक्षिणी एशिया के पड़ोसी देशों के साथ एक अद्भुत संपर्क रहा है ।इसी प्रकार उपनिषदों के विचार रामायण कथा पंचतंत्र की कहानियां भारतीय अंक एवं दशमलव प्रणाली आदि संसार के विभिन्न भागों तक पहुंच सके मसाले मलमल आदि कपड़े तथा व्यापार के अन्य सामान भारत से विभिन्न देशों को ले जाए जाते थे। 

   इसके विपरीत यूनानी स्थापत्य कला था पश्चिमी एशिया की वस्तु कला के प्रति मीनारों तथा  गुंबदो का प्रभाव हमारे देश के विभिन्न भागों में देखा गया है।




   भारत के पड़ोसी देश -

 भारत  का दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण स्थान है। भारत में 28 राज्य और 9 केंद्र शासित प्रदेश हैं। भारत की भूमि की सीमाएं उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ उत्तर में चीन तिब्बत नेपाल और भूटान के साथ तथा पूर्व में म्यांमार बांग्लादेश के साथ है। दक्षिण में समुद्र पर हमारे पड़ोसी दो द्वीप समूह राष्ट्र श्रीलंका और माल दो ही पर हैं भारत और श्रीलंका के बीच में छोटा समुद्री रास्ता पाक जलसंधि तथा मन्नार की खाड़ी है माल दोई लक्षद्वीप समूह के दक्षिण में स्थित है ।

   अपने पड़ोसी देशों के साथ भारत के भौगोलिक और इतिहास से संबंध बहुत अच्छे रहे हैं अपनी एटलस में एशिया के मानचित्र में देखा कि भारत कैसे अलग दिखाई देता है।


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